लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल जीवनी, तथ्य, अखंड भारत में योगदान और इनके जीवन से जुड़ी रोचक बातें

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भारत के “लौहपुरुष” के मशहूर सरदार वल्लभ भाई पटेल को कौन नहीं जानता। आज हम सरदार वल्लभ भाई पटेल जीवनी, बायोग्राफी (sardar vallabhbhai patel Biography in Hindi), इनके द्वारा हमारे देश को अखंड भारत बनना में दिया गया योगदान और इनके जीवन से जुड़ी रोचक बातें जानेंगे। सरदार वल्लभ भाई पटेल जीवन परिचय जिन्होंने हमारे देश को एक धागे में पिरोने के लिए जी जान लग दी।

अखंड भारत के सूत्रधार: सरदार वल्लभ भाई पटेल जीवनी | बायोग्राफी

सरदार पटेल बायोग्राफी: हमारे भारत के पहले उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल को कौन नहीं जानता है। सरदार वल्लभभाई पटेल को लौहपुरुष के नाम से भी जाना जाता है। इन्होंने भारत की स्वतंत्रता में काफी योगदान दिया है और इससे भी ज्यादा योगदान भारत की रियासतों को बचाने में दिया है। सरदार वल्लभभाई पटेल भारत के एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे। आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से Sardar Vallabhbhai Patel Biography in Hindi के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करने वाले हैं। 

हम आपको बताएंगे कि सरदार वल्लभ भाई पटेल कौन थे, इनकी माता-पिता का नाम क्या है, इनका शिक्षा दीक्षा और इनका करियर कैसा रहा? इसके अलावा हम इनसे जुड़ी कुछ रोचक तथ्यों के बारे में भी जानने का प्रयास करेंगे। अब सारी जानकारी प्राप्त करने के लिए आपको हमारा यह आर्टिकल पूरा पढ़ना होगा।

लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल जीवनी, तथ्य, अखंड भारत में योगदान और इनके जीवन से जुड़ी रोचक बातें
लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल जीवनी

सरदार वल्लभ भाई पटेल कौन थे?

सरदार वल्लभभाई पटेल भारत की एक स्वतंत्रता सेनानी थे। इन्होंने भारत की 200 वर्षों से अधिक चल रही गुलामी को दूर करने में काफी योगदान दिया था। इसके अलावा इन्होंने काफी हद तक प्रयास किया और सफल भी रहे और भारत की अलग-अलग राज्यों को संगठित किया। तब जाकर हमारा भारत एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में विश्व के सामने आया। इस बड़े काम को करने के लिए वल्लभभाई पटेल को सैन्य बल की भी ज्यादा आवश्यकता भी नहीं पड़ी।

इन्होंने यह सारा कार्य सिर्फ अपने काबिलियत और अपने जज्बे के दम पर कर दिखाया। उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि यही है जो इन्हें बाकी सभी लोगों से अलग बनाती है। सरदार वल्लभभाई पटेल के महान कार्यों के वजह से इन्हें “लौहपुरुष” भी कहा जाता है।

सरदार पटेल बन सकते थे भारत के पहले प्रधानमंत्री

जब भारत आजाद हुआ था तो उस समय लोग पहले प्रधानमंत्री के रूप में वल्लभ भाई पटेल को ही देखना चाहते थे। लेकिन अंग्रेजों की नीति, गांधी जी का फैसला और जवाहरलाल नेहरू की जिद के कारण इनको प्रधानमंत्री नहीं बनाया गया। हालांकि यह हमारे भारत के प्रथम उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री थे। 

Sardar Vallabhbhai Patel Biography in Hindi – Overview 

पूरा नाम वल्लभभाई झावेरभाई पटेल
जन्मतिथि31 अक्टूबर, 1875 (नाडियाड, गुजरात)
मृत्यु15 दिसंबर, 1950, [मुंबई] (उम्र 75 वर्ष)
भाषाअंग्रेजी, हिंदी
पिताझावेरभाई पटेल
मातालाडबा देवी
नागरिकता भारतीय
शिक्षावकालत (इंग्लैंड)
कार्यभारत के प्रथम उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री (15 अगस्त 1947 – 15 दिसम्बर 1950)
वैवाहिक स्थिति विवाहित
बच्चेमणिबेन पटेल, दह्याभाई पटेल (Dahyabhai Patel)
उपनामसरदार पटेल, लौह पुरुष, ऑल इंडिया सर्विसेज के प्रणेता 

सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म व परिवार

सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1975 को मुंबई शहर में हुआ था। इनका जन्म कुर्मी जाति में हुआ था। इनके पिता का नाम झावर भाई और माता‌ का नाम लाड़ बाई था। वल्लभ भाई पटेल का जन्म कृषक परिवार में हुआ था और यह चार भाई थे। इनके अलावा इनके तीनों भाइयों का नाम सोम भाई, बिट्ठल भाई, नरसीभाई था। 

वल्लभ भाई पटेल की पत्नी का नाम झवेरबाई था। जब सरदार वल्लभभाई पटेल की शादी हुई थी तो उसे समय उनकी उम्र मात्र 16 वर्ष थी। जिस वर्ष उनकी शादी हुई थी वह मुझ पर 1893 का था। 

सरदार वल्लभभाई पटेल की शिक्षा (Education of Sardar Patel)

जब आती है वल्लभ भाई पटेल की शिक्षा दीक्षा के बारे में तो शुरुआत में उनको कहा जाने वाला नकारा शब्द भी याद आता है। वल्लभभाई पटेल की प्रारंभिक शिक्षा खेतों में समय बिताते हुए गुजर गए और उनका नामांकन हाई स्कूल में हो गया। सरदार वल्लभभाई पटेल ने 1897 में 22 साल की उम्र में मैट्रिक की परीक्षा पास करी थी। इसके बाद लोग उन्हें अलग-अलग तरह की ताने दिया करते थे। 

मैट्रिक की परीक्षा करने के बाद वह लंदन जाकर बैरिस्टर की पढ़ाई करने लगे और वहां से आने के बाद अहमदाबाद में वकालत भी शुरू कर दी। वकालत में इन्हें काफी सफलता मिली और जब पूरे देश में महात्मा गांधी द्वारा स्वतंत्रता का आंदोलन चलाया जा रहा था तो उसमें भी वल्लभभाई पटेल ने हिस्सा लिया। 

सरदार वल्लभभाई पटेल का करियर (Career of Sardar Patel)

सरदार वल्लभभाई पटेल ने 1897 में मैट्रिक की परीक्षा पास की। उसके बाद वह बैरिस्टर की पढ़ाई पढ़ना चाहते थे जिसके लिए वह लंदन चले गए। लंदन से आने के बाद अहमदाबाद में वकालत करना शुरू कर दिए। उनकी वकालत बहुत बढ़िया चल रही थी और वह वकालत में सफलता लगातार हासिल कर रहे थे। उस समय पूरे देश में महात्मा गांधी द्वारा लोगों को स्वतंत्रता आंदोलन के लिए जागरूक किया जा रहा था। 

जब वल्लभ भाई पटेल को यह बात पता चला तो उन्होंने महात्मा गांधी द्वारा चलाए जा रहे स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा लिया और लोगों को प्रेरित करना शुरू कर दिए। महात्मा गांधी द्वारा चलाई जाने वाली खिलाफत आंदोलन जैसे सभी आंदोलन में वल्लभभाई पटेल शामिल थे। वल्लभभाई पटेल को 1942 में जेल भी जाना पड़ा। 

उस समय उन्हें लगातार 3 वर्षों तक जेल में रखा गया था। लेकिन उसके बाद सभी कांग्रेस नेताओं के साथ इन्हीं भी रिहा कर दिया गया। इनकी महानता और उनके कार्यों की बदौलत इन्हें भारत के आजाद होने पर प्रथम उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री बनाया गया। हालांकि लोगों का यह मानना था कि वल्लभभाई पटेल को भारत का प्रथम प्रधानमंत्री बनाया जाना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। 

Sardar Patel Statue (स्टेच्यू ऑफ़ यूनिटी)

  • स्टैच्यू ऑफ यूनिटी भारत के पहले गृहमंत्री और उप प्रधानमंत्री रहे वल्लभभाई पटेल को समर्पित एक स्मारक है।
  • स्टैच्यू ऑफ यूनिटी विशालकाय मूर्ति के निर्माण का शिलान्यास 31 अक्टूबर 2013 को सरदार पटेल के जन्मदिवस के मौके पर भारत के तत्काल प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने किया था। यह विश्व की सबसे ऊँची प्रतिमा है। जिसकी ऊँचाई 240 मीटर है।
  • यह स्मारक सरदार सरोवर बांध से केवल 3.2 किमी की दूरी पर साधू बेट नामक स्थान पर है। यह स्थान गुजरात, भारत के भरुच के निकट नर्मदा जिले में स्थित है। वहीं विश्व की दूसरी सबसे ऊँची मूर्ति चीन में स्प्रिंग टैम्पल बुद्ध की है, जिसकी ऊँचाई 208 मीटर हैं।

सरदार वल्लभभाई पटेल से जुड़ी रोचक तथ्य 

वल्लभभाई पटेल भारत की एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे इसलिए इनके बारे में लगभग सभी लोग जानते हैं। लेकिन अभी भी सरदार वल्लभभाई पटेल से जुड़ी कुछ ऐसी बातें हैं जो लोगों को नहीं पता है। आज हम इनसे जुड़े उन मुख्य रोचक बातों के बारे में जानते हैं। 

  • पहले प्रधानमंत्री के रूप में लोगों ने वल्लभभाई पटेल को चाहा था। लेकिन उन्होंने इस पद से अपने आप को दूर रखा और जवाहरलाल नेहरू को प्रथम प्रधानमंत्री बनने के लिए सपोर्ट किया। 
  • सरदार वल्लभभाई पटेल का मुख्य लक्ष्य भारत की सारी रियासतों को जोड़ना था। 
  • 1909 में जब सरदार वल्लभभाई पटेल की पत्नी का देहांत हुआ था। उस दौरान वह अदालत में थे। लेकिन फिर भी उन्होंने अपना काम नहीं छोड़ा और अपने काम को पूरा करने के बाद ही यह खबर अन्य लोगों को बताई। 
  • वल्लभभाई पटेल गांधी जी को बहुत मानते थे इसलिए जब गांधी जी की मृत्यु की खबर उन तक पहुंची तो इनकी भी सेहत पर उसका भारी असर पड़ा। शायद इसी वजह से गांधी जी के मरने के 2 महीने बाद उनकी भी मृत्यु हो गई। 
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Sardar Patel Death (मृत्यु)

सरदार पटेल जी का निधन 15 दिसंबर, 1950 को सुबह 03 बजे उन्हें दिल का दौरा पड़ा जिसके बाद 9.57 बजे उनकी मृत्यु हो गयी थी। तब वो मुंबई, महाराष्ट्र में थे।

सरदार वल्लभ भाई पटेल जीवनी- निष्कर्ष 

हमने आपको अपने इस आर्टिकल के माध्यम से sardar vallabhbhai patel Biography in Hindi के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। हमने आपको बताया है कि सरदार वल्लभभाई पटेल कौन थे और उनकी शिक्षा दीक्षा कहां से हुई। इसके अलावा हमने इनके करियर और इनसे जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में भी जाना है। अगर आपको यह जानकारी पसंद आई तो आप इसे अपने मित्रों को साझा अवश्य करें। 

सरदार वल्लभ भाई पटेल जीवनी – FAQs (सवाल-जवाब)

पटेल का असली नाम क्या है?

वल्लभभाई झावेरभाई पटेल

सरदार पटेल इतना प्रसिद्ध क्यों है?

हमारे देश भारत को आजादी मिलने के बाद सरदार पटेल ने पूरे राष्ट्र को एकता के सूत्र में पिरोने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने 562 छोटी-बड़ी रियासतों को मिलाया था।

लौह पुरुष की उपाधि किसने और क्यों दी?

सरदार पटेल को लौह पुरुष की उपाधि महात्मा गांधी जी ने दी थी। सबसे पहले उनको बारडोली सत्याग्रह में संगठनात्मक कौशल के लिए वल्लभभाई पटेल को सरदार की उपाधि दी। पटेल को रियासतों की समस्या सुलझाने के साहसिक कार्य के लिए महात्मा गांधी ने सरदार पटेल को लौह पुरुष की उपाधि दी थी।

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