Phulera Dooj 2024 Date: दोस्तों फुलेरा दूज का त्यौहार हर साल फाल्गुन शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। वर्ष 2024 फुलेरा दूज कब है? इस साल फुलेरा दूज को 12 मार्च 2024 को मंगलवार के दिन मनाया जाएगा। यह त्यौहार भगवन श्री कृष्ण जी और राधा रानी जी को समर्पित है।
Phulera Dooj 2024: जानें सही डेट, मुहूर्त और महत्व
फुलेरा दूज एक त्यौहार है जो फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष के द्वितीय तिथि को मनाया जाता है। यह होली के कुछ दिन पहले मनाया जाता है। यह त्यौहार भगवान कृष्ण और राधा को समर्पित है और इस त्यौहार के दिन भगवान कृष्ण को रंग चढ़ाया जाने की प्रथा होती है। अगर आप भी फुलेरा दूज त्यौहार मनाते हैं और जानना चाहते हैं कि Phulera Dooj 2024 Date कब है? | Phulera Dooj Kab hai 2024? और यह पर मनाने की सही मुहूर्त क्या है तो आप इस वक्त बिलकुल सही जगह पर है।
इस आर्टिकल के माध्यम से आपको फुलेरा दूज त्योहार से संबंधित सारी जानकारी दी जाएगी। आपको यह भी बताया जाएगा कि फुलेरा दूज क्यों मनाते हैं? और इसका महत्व क्या है। अब आप सारी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ते रहे।
वर्ष 2024 फुलेरा दूज कब है?
फुलेरा दूज एक प्रतिष्ठित त्यौहार है जो भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण की पूजा की जाती है। 2024 के कैलेंडर के अनुसार यह त्यौहार 12 मार्च 2024 दिन मंगलवार को मनाया जाने वाला है। हर साल यह त्योहार फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष के द्वितीय तिथि को मनाया जाता है। इस साल भी यह फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष के द्वितीय तिथि को ही मनाया जाएगा।
2024 के कैलेंडर के अनुसार 2024 में फाल्गुन माह का शुक्ल पक्ष का द्वितीय तिथि 12 मार्च को पड़ रहा है। इस वजह से 12 मार्च 2023 को फुलेरा दूज मनाया जाएगा। इस दिन से फाल्गुन का रंग चढ़ाना शुरू हो जाता है और श्री राधा-कृष्ण को फाल्गुन के रंग में रंग दिया जाता है।
वर्ष 2024 फुलेरा दूज का मुहूर्त कब है?
Phulera Dooj 2024 Muhurat: फुलेरा दूज का मुहूर्त 11 मार्च 2023 को 10:45 से शुरू हो रहा है और 12 मार्च 2023 को 7:15 पर खत्म हो रहा है। यानी की 11 मार्च को 10:45 से लेकर 12 मार्च 7:15 तक फुलेरा दूज मनाने का शुभ मुहूर्त है। जो भी भक्तगण इस त्यौहार को मनाना चाहते हैं वह इस समय के बीच इस त्यौहार को मना सकते हैं।
फुलेरा दूज शुभ मुहूर्त 2024
फुलेरा दूज | 2 मार्च 2024 (मंगलवार) |
द्वितीया तिथि प्रारंभ | 11 मार्च 2024 सोमवार को सुबह 10 बजकर 44 मिनट से शुरु होकर |
द्वितीया तिथि का समापन | 12 मार्च 2024 को सुबह 7 बजकर 13 मिनट तक |
इस त्यौहार में लोगों द्वारा श्री कृष्ण को अर्पित करने के लिए विशेष प्रकार का भोग तैयार किया जाता है। इस विशेष प्रकार की भोग में पोहा और अन्य भी कई तरह के व्यंजन शामिल रहते हैं। जो विशेष प्रकार के व्यंजन को तैयार किया जाता है उसे श्रीकृष्ण को चढाने के बाद लोगों में प्रसाद के रूप में वितरण कर दिया जाता है।
फुलेरा दूज का महत्व
फुलेरा दूज का हिन्दू धर्म में क्या महवत्व है? चलो जानते है: फुलेरा दूज श्री राधा-कृष्ण जी को समर्पित किया गया है। इसलिए यह त्यौहार सभी श्री कृष्ण के भक्तों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान कृष्णा राधा के साथ फूलों की होली खेले थे। उस दिन के बाद से हर साल इस दिन को फुलेरा दूज के रूप में मनाया जाता है। यही कारण है कि लोग फुलेरा दूज को श्री कृष्ण की पूजा करते हैं और उन्हें फूल चढ़ाते हैं।
इसके अलावा इस दिन श्री कृष्ण को अलग-अलग तरह के प्रसाद भी चढ़ाए जाते हैं और उन्हें होली की शुरुआती दिनों में रंगों से भी रंगा जाता है। इस दिन के बाद फाल्गुन में रंगों का रंग चढ़ जाता है और ऐसा लगने लगता है कि अब होली नजदीक आने वाली है। यह त्यौहार उत्तर भारत के लगभग सभी क्षेत्रों में धूमधाम से मनाया जाता है। मथुरा में श्री कृष्ण की मूर्ति देखने के लिए कई लोग जाते हैं और इस दिन लोगों को मूर्ति के दर्शन भी कराए जाते हैं। इसके साथ-साथ वहां पर कई अलग-अलग तरह के आयोजन भी होते हैं।
फुलेरा दूज कैसे मनाए?
अगर आप श्री कृष्ण के भक्त हैं और फुलेरा दूज त्यौहार को मनाना चाहते हैं। लेकिन आपको इस त्यौहार को मनाने का सही तरीका मालूम नहीं है। तो आइए हम आपको नीचे बताते हैं कि आप फुलेरा दूज त्यौहार को कैसे अच्छे तरीके से मना सकते हैं। फुलेरा दूज 2024 पूजा विधि:
- सबसे पहले आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि इस दिन भगवान श्री कृष्णा और राधा की पूजा अर्चना की जाती है।
- इस दिन अपने घरों के साथ-साथ मंदिरों में भी मूर्तियों की पूजा की जाती है।
- इस दिन भगवान श्री कृष्ण को रंग-बिरंगे फूलों से होली खेलने का अनुष्ठान है इसलिए इन्हें रंग-बिरंगे फूल चढ़ाए जाते हैं।
- कई लोगों द्वारा इस दिन भगवान श्री कृष्ण के सम्मान में उत्सव का आयोजन भी किया जाता है।
- इस दिन मंदिरों को फूल और रोशनी से अच्छे तरीके से सजाया जाता है।
- इसके साथ-साथ एक सजे हुए मंडप में भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति को रखी जाती है।
- भगवान श्री कृष्णा पर फूल चढ़ाने से पहले एक रंगीन कपड़ा चढ़ाया जाता है। इसका मतलब यह है कि अब श्री कृष्ण होली खेलने के लिए तैयार है।
- जब शयन भोग की प्रक्रिया खत्म हो जाती है तो इस रंगीन कपड़े को भगवान की मूर्ति से हटा दिया जाता है।
- इस दिन भगवान श्री कृष्ण को पोहा जैसे कुछ विशेष प्रकार के व्यंजन चढ़ाए जाते हैं। उसके बाद इसे लोगों को प्रसाद के रूप में बांट दिया जाता है।
Phulera Dooj Date 2024 to 2030
Year | Date & Day |
2021 | 15th March (Monday) |
2022 | 04th March (Friday) |
2023 | 21st February (Tuesday) |
2024 | 12th March (Tuesday) |
2025 | 1st of March (Saturday) |
2026 | 19th February (Thursday) |
2027 | 10th March (Wednesday) |
2028 | 27th February (Sunday) |
2029 | 15th February (Thursday) |
2030 | 06th March (Wednesday) |
निष्कर्ष – फुलेरा दूज 2024
यह आर्टिकल सभी श्री कृष्ण के भक्तगणों के लिए महत्वपूर्ण साबित हुई होगी। इस आर्टिकल के माध्यम से सभी लोगों को Phulera Dooj 2024 Date के बारे में जानकारी दी गई है। सभी लोगों को बताया गया है कि साल 2024 में फुलेरा दूज कब मनाया जाएगा और यह त्यौहार मनाने का शुभ मुहूर्त कब से कब तक रहेगा। अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आई और फुलेरा दूज से संबंधित जानकारी अच्छी लगी तो आप इसे अपने मित्रों को शेयर जरूर करें।
इस लेख में दी गयी जानकारी आपको कैसी लगी हमे नीचे कमेंट के माध्यम से जरूर बताये, ध्यानवाद।
Fulera Dooj 2024 FAQs (फुलेरा दूज त्यौहार से जुड़े सवाल जवाब)
सवाल: वर्ष 2024 फुलेरा दूज कब है?
जवाब: साल 2024 में फुलेरा दूज 12 मार्च 2024 को मंगलवार के दिन मनाया जाने वाला है।
सवाल: फुलेरा दूज क्यों मनाते है?
जवाब: फुलेरा दूज का त्यौहार भगवन श्री कृष्ण और राधा जी को समर्पित है। हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस दिन से ही भगवान कृष्ण जी होली की तैयारी करने लगते थे और होली आने पर पूरे गोकुल को गुलाल से रंग देते थे। इस दिन को मांगलिक कार्य के लिए बहुत शुभ माना जाता है।
Disclaimer: इस लेख में दी गयी सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। यहां यह बताना जरूरी है कि हमारी वेबसाइट sainikschoolbhubaneswar.org किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें। हम सभी धर्मों सम्मान करते है।
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